युधिष्ठिर के जीवन के प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:
धर्मानुषासन: युधिष्ठिर धर्म के प्रतिष्ठान में थे और उन्होंने अपने जीवन में धर्म का पालन किया। उन्होंने धर्मराज्य की स्थापना के लिए कार्य किया और अपने राजा के रूप में न्यायपूर्ण और धर्मपरायण शासक बने।
पांडवों के प्रमुख: युधिष्ठिर पांडवों के प्रमुख और उनके नेतृत्व के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने महाभारत युद्ध में पांडवों का नेतृत्व किया।
राज्य का प्रबंधन: युधिष्ठिर ने हस्तिनापुर का राजा बनने के बाद राज्य का प्रबंधन किया और लोगों के हित के लिए न्यायपूर्ण निर्णय लिये।
धर्मराज्य की स्थापना: युधिष्ठिर ने अपने राजा के रूप में धर्मराज्य की स्थापना की, जो न्याय, धर्म और समृद्धि के आधार पर था।
मानवता के प्रतीक: युधिष्ठिर को मानवता का प्रतीक माना जाता है। उनका व्यवहार और नैतिकता महाभारत में महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं।
युधिष्ठिर को उनकी न्यायप्रियता, धर्मपरायणता और मानवता के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए याद किया जाता है।
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