महाभारत में कई प्रकार के शंख का वर्णन किया गया है, जिनमें से कुछ मुख्य शंखों का उल्लेख निम्नलिखित है:
पांचजन्य: यह भगवान कृष्ण का शंख था, जिसे उन्होंने महाभारत युद्ध के समय अपने अंगुष्ठ पर बजाया था। इस शंख की ध्वनि सुनकर पाण्डव योद्धाओं का मनोबल बढ़ता था।
देवदत्त: यह धार्मिक युद्ध का संज्ञान देने वाला शंख था, जिसे युद्ध के पहले बजाया गया था।
पौंड्रक: यह अहंकारी और भ्रष्ट राजा पौंड्रक का शंख था, जिसने अपने शंख को भगवान विष्णु के शंख के रूप में प्रकट किया था।
राजासुय: यह यज्ञ संबंधित अधिकारिक यज्ञ का शंख था, जिसे राजा युधिष्ठिर ने संग्रह किया था।
विकर्ण: विकर्ण के पास भी एक शंख था, जिसका नाम विकर्णध्वज था।
यह थे कुछ प्रमुख शंख जो महाभारत में उल्लेखित हैं। इन शंखों का प्रयोग युद्ध और धार्मिक कार्यों में किया गया।
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