कार्तिक मास क्या होता है


कार्तिक मास हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण माह होता है जो हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह मास आध्यात्मिकता, ध्यान, तप, और धर्म की ऊँचाई का प्रतीक है। कार्तिक मास का प्रारंभ वर्ष के अन्य मासों की तुलना में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मास में कई धार्मिक और सामाजिक उत्सवों और व्रतों का आयोजन किया जाता है।


कार्तिक मास का विशेष महत्व हिन्दू धर्म में शिव-पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी, ब्रह्मा-सरस्वती, और कार्तिकेय-देवसेना जैसे देवी-देवताओं की उपासना के लिए जाना जाता है। यह मास भगवान शिव के विशेष आराधना के लिए विख्यात है, और इसे शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, जो कार्तिक मास की चतुर्दशी को आती है।


कार्तिक मास में किये जाने वाले पापानुकूल कार्यों का विशेष महत्व होता है। इस मास में स्नान, दान, तप, जप, ध्यान, धर्मिक पुस्तकों का पाठ आदि करने से धार्मिक फल मिलता है। कार्तिक मास के दिनों में गंगा स्नान, यत्राएत्रा, पर्वतों पर प्रदक्षिणा, मन्दिरों का दर्शन, और साधु-संतों की सेवा का महत्व विशेष रूप से होता है।


सम्पूर्ण रूप से, कार्तिक मास हिन्दू धर्म में आध्यात्मिकता, त्याग, साधना, और धर्म के प्रति समर्पण के लिए एक महान अवसर प्रदान करता है।

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