पांडव कौन थे महाभारत में उनका क्या योगदान था


 महाभारत में पांडव एक प्रमुख चरित्र थे और उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। वे महाभारत के प्रमुख कारक हैं, जिन्होंने धर्म, सत्य, और न्याय के प्रति अपनी निष्ठा को प्रदर्शित किया। पांडवों के पांच भाइयों के नाम युद्धिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव थे।


पांडवों का महत्वपूर्ण योगदान:


धर्म के पालन: पांडवों ने धर्म के पालन में अपनी निष्ठा और अदालती क्षमता का प्रदर्शन किया। वे धर्मयुद्ध के प्रेरणास्त्रोत बने और अपने नैतिक मूल्यों को सदैव उच्च स्थान पर रखा।


पाण्डव समाज की स्थापना: पांडव ने काम और नैतिकता के मूल्यों पर आधारित एक समर्थ समाज की स्थापना की। उन्होंने अपने राजनैतिक शासन के दौरान जनता के हित के लिए कई योजनाएं और कदम उठाए।


धर्मयुद्ध में सहभागिता: पांडवों ने धर्मयुद्ध में सक्रिय भूमिका निभाई और अधर्म के विरुद्ध लड़ने का संकल्प दिखाया।


महाभारत युद्ध: महाभारत युद्ध में पांडवों की सेना का अग्रणी था, जिसके नेतृत्व में वे धर्मयुद्ध की ओर बढ़े। इस युद्ध में उन्होंने अपने धर्म के लिए संघर्ष किया और अधर्म को पराजित किया।


धर्मयुद्ध के बाद का कार्य: महाभारत युद्ध के बाद, पांडवों ने राजसत्ता स्थापित की और धर्म के मार्ग पर राज्य का प्रबंध किया। उन्होंने अपने राज्य को न्याय और समृद्धि के साथ चलाने का प्रयास किया।

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