श्रीमद भगवत गीता के सभी अध्याय का नाम क्या है और उसमे क्या लिखा है

 



श्रीमद भगवद गीता में कुल 18 अध्याय हैं, जिनके नाम और उनमें विषयों के अल्प संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:


अर्जुन विषाद योग - अर्जुन के धर्मसंकट और ध्यान के महत्व का वर्णन।

सांख्य योग - संन्यास, कर्मयोग, और ज्ञान के मार्ग का विवेचन।

कर्मयोग - कर्म के निष्काम फल का महत्व और कर्म योग का उपदेश।

ज्ञान कर्म संन्यास योग - कर्म और ज्ञान के संयोग का विवेचन।

कर्म संन्यास योग - कर्म और संन्यास के तत्त्वों का विवेचन।

आत्मसंयम योग - आत्मनिग्रह और इंद्रिय संयम का महत्व।

ज्ञान विज्ञान योग - ज्ञान के माध्यम से भगवान का दर्शन करने का उपाय।

अक्षर ब्रह्म योग - परमात्मा के अविनाशी स्वरूप का विवेचन।

राजविद्या राजगुह्य योग - भक्ति का मार्ग और परमात्मा के प्राप्ति का उपाय।

विभूति योग - भगवान के विभूतियों का वर्णन।

विश्वरूप दर्शन योग - भगवान के विश्वरूप का दर्शन और अर्जुन का आश्चर्य।

भक्ति योग - भक्ति के भेद और भक्ति का महत्व।

क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग - शरीर और आत्मा का विवरण।

गुणत्रय विभाग योग - सत्त्व, रजस्स और तामस गुणों का विवरण।

पुरुषोत्तम योग - परमात्मा के श्रेष्ठतम गुणों का वर्णन।

दैवासुरसम्पद्विभाग योग - दैवी और आसुरी स्वभाव का विवरण।

श्रद्धात्रय विभाग योग - तीन प्रकार की श्रद्धा का वर्णन।

मोक्षसंन्यासयोग - ज्ञान, कर्म, और भक्ति के मार्गों का समन्वय और मोक्ष की प्राप्ति का उपाय।

ये अध्याय भगवद गीता के मुख्य विषयों को समझाने और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

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