धृतराष्ट्र कौन थे उनका संपूर्ण विवरण बताएं


 धृतराष्ट्र के विषय में मुख्य पोइंट्स:


हस्तिनापुर के राजा: धृतराष्ट्र हस्तिनापुर के राजा थे।


अन्धा राजा: धृतराष्ट्र अंधे थे, और उनके पुत्र दुर्योधन को उनकी अंधविश्वास की वजह से राजा बनाया गया था।


पांडवों का धर्मपति: धृतराष्ट्र के पुत्रों की अदालत में जोड़ने के बाद, पांडव उनके राज्य में निवास करने के लिए आए थे। धृतराष्ट्र का धर्म और न्याय के प्रति अपना उत्साह दिखाना कई बार उधारना दिखाया गया है।


धृतराष्ट्र की भगवद्गीता में भूमिका: धृतराष्ट्र गीता में भगवान कृष्ण के संवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने महाभारत के युद्ध के आगे के संघर्ष के बारे में अपनी संदेहों और चिंताओं को व्यक्त किया था।


धर्म का परायण: धृतराष्ट्र को धर्म और न्याय का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया है, लेकिन उनके पुत्र दुर्योधन के लालच और अंधविश्वास के कारण, वे अक्सर गलती करते हैं।


शिक्षा और परिपालन: धृतराष्ट्र का चरित्र धर्म, जिम्मेदारी, और परिपक्वता के मूल्यों को सामने रखता है। उन्हें युद्ध के प्रति उनकी भयानक प्रेम और धर्मयुद्ध में आत्मबलिदान की प्रशंसा की जाती है।

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