शिखण्डी कौन थे उनके जीवन के प्रमुख बिंदु क्या है


 


शिखण्डी महाभारत के पात्रों में से एक थे और महाभारत युद्ध के समय में पांडवों के साथ जुड़े थे। शिखण्डी का वास्तविक नाम अंधकवी था, जो राजा द्रुपद के पुत्र थे और वह राजकुमारी द्रौपदी का पिछला अंश थे।


शिखण्डी के जीवन के प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:


प्राणदाता: शिखण्डी ने महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह का वध किया और उससे पांडवों के पक्ष में जीत हासिल की।


पिछला जीवन: शिखण्डी का पिछला जीवन महत्वपूर्ण है, जब वह स्त्री के रूप में जन्म लेते हुए अपने पिता के शाप से जन्मे थे।


महारथी: शिखण्डी महाभारत के महारथियों में एक थे और उनकी योद्धा कौशल की प्रशंसा की जाती है।


धर्म संस्थापक: शिखण्डी को धर्म संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने धर्मराजा युधिष्ठिर के पक्ष में महाभारत युद्ध में भाग लिया और धर्म की रक्षा की।


मित्र: शिखण्डी को पांडवों का मित्र माना जाता है और उन्होंने अपने जीवन के लिए उनका सहारा दिया।


शिखण्डी को उनके प्राणदाता, मित्र और धर्म संस्थापक के रूप में याद किया जाता है।

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