शुक्ल पक्ष हिन्दू पंचांग में चाँद के विकास का एक अवधि होती है। यह पक्ष चंद्रमा के उज्ज्वल होने के समय को दर्शाता है, जब चंद्रमा धीरे-धीरे बढ़ता है और फिर पूर्णिमा (पूर्ण चंद्रमा) तक पहुँचता है। शुक्ल पक्ष के दौरान चंद्रमा की चमक बढ़ती है और उसका आकर बढ़ता है।
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से आरंभ होता है और अमावस्या (नई चंद्र) तक समाप्त होता है। यह पक्ष हिन्दू धर्म में शुभ माना जाता है और इसके दौरान धार्मिक और सामाजिक कार्यों का आयोजन किया जाता है। शुक्ल पक्ष के दौरान धार्मिक उत्सवों, व्रतों, और पूजाओं का आयोजन किया जाता है, जैसे कि नवरात्रि, गणेश चतुर्थी, और अख्षय तृतीया।
शुक्ल पक्ष का मुख्य उद्देश्य हिन्दू धर्म में शुभता, सफलता, और आध्यात्मिक प्रगति को प्रोत्साहित करना होता है। यह पक्ष उत्तर दिशा को प्रतिनिधित करता है और आत्मा की ऊर्जा को ऊर्जावान बनाता है। इसलिए, शुक्ल पक्ष का आयोजन हिन्दू धर्म में साधना, पुरुषार्थ, और धार्मिक कर्तव्य की प्रोत्साहना के लिए किया जाता है।
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