"ब्रह्म पुराण" को प्राचीन काल में लिखा गया था, लेकिन इसके रचनाकार के बारे में निश्चित जानकारी नहीं है। कुछ विद्वानों का मानना है कि यह पुराण वेदव्यास द्वारा लिखा गया है, जबकि कुछ अन्य विचार इसे अन्य ऋषियों द्वारा लिखा गया मानते हैं।
"ब्रह्म पुराण" में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर चर्चा की गई है:
ब्रह्मा जी के सृष्टि के प्रारंभिक कार्य।
ब्रह्मांड के निर्माण का विवरण।
भूमंडल की संरचना और पृथ्वी के उत्थान का विवरण।
देवताओं, मनुष्यों, और प्राणियों के उत्थान का वर्णन।
ब्रह्मा जी के अवतारों और उनके लीलावली का विस्तृत वर्णन।
धर्म, कर्म, और दर्शन के महत्व का उल्लेख।
इस पुराण में भगवान ब्रह्मा और उनकी सृष्टि के महत्व का उत्कृष्ट वर्णन है, जो कि ब्रह्मांड के उत्थान और उसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस पुराण में भारतीय संस्कृति, धर्म, और दर्शन के मूल्यों का उत्कृष्ट उपदेश है।
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